
मालामाल बना देंगी आपको भी काले अंगूर की खेती, मार्केट में सबसे अधिक होती है इसकी डिमांड, देखे कैसे होती है इसकी खेती
मालामाल बना देंगी आपको भी काले अंगूर की खेती, मार्केट में सबसे अधिक होती है इसकी डिमांड, देखे कैसे होती है इसकी खेती आजकल किसान भाई पैसे कमाने के लिए नई-नई फसलों की बुवाई कर रहे हैं। आज हम किसान भाइयों को एक खास काले फल की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी मार्केट में काफी डिमांड देखने को मिलती है। इस फल को बेचने पर अच्छी खासी कमाई की जा सकती है और इसमें नुकसान की संभावना भी बहुत कम होती है। हम जिस फल की बात कर रहे हैं, वह है काले अंगूर। काले अंगूर न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं, बल्कि इनकी मार्केट में अच्छी कीमत भी मिलती है। तो चलिए, विस्तार से जानते हैं काले अंगूर की खेती के बारे में
काले अंगूर की खेती कहा कहा होती है
काले अंगूर की खेती भारत के कई राज्यों में होती है, जैसे कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, और हिमाचल प्रदेश इत्यादि क्षेत्रों में होती है।
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काले अंगूर की किस्मे
काले अंगूर की कई किस्में हैं, जैसे कि सरिता सीडलेस, नानासाहेब पर्पल सीडलेस, शरद सीडलेस, नाथ जंबो सीडलेस, और ARRA मिस्टिक ड्रीम इत्यादि है।
कैसे करे काले अंगूर की खेती
काले अंगूर की खेती के लिए गर्म और शुष्क जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। इसे समुद्र तल से 600-900 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आसानी से उगाया जा सकता है। काले अंगूर की बुवाई का सबसे अच्छा समय फरवरी से मार्च और अक्टूबर से नवंबर के बीच होता है। इस समय मौसम की स्थिति फसल के लिए अनुकूल होती है।काले अंगूर के पौधे लगाने के लिए खेत को अच्छी तरह तैयार करना जरूरी है। पौधों के बीच की दूरी लगभग 2-3 मीटर रखी जाती है ताकि पौधों को फैलने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके। काले अंगूर के पौधे लगभग 2-3 साल में फल देने लगते हैं। फल पकने के बाद इन्हें हाथ से तोड़कर काटा जाता है।
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काले अंगूर की मार्केट में डिमांड
काले अंगूर की मार्केट में काफी डिमांड है, क्योंकि यह न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होते हैं बल्कि इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में होते हैं। इन्हें बेचने पर किसानों को अच्छी कीमत मिलती है। काले अंगूर का उपयोग जूस, जैम, वाइन और अन्य उत्पाद बनाने में भी किया जाता है, जिससे इसकी मांग और बढ़ जाती है।
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